रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन के मौके पर गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन करेंगे, जिसे लेकर तैयारियां जोरों पर है। बांध में पानी भरने के लिए इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते नर्मदा के बढ़ते जलस्तर से डूब प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है और यही वजह है कि इस बांध का जबरदस्त विरोध भी हो रहा है।
सरदार सरोवर बांध के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर सैकड़ों लोगों के साथ छोटा बरदा में जल सत्याग्रह आंदोलन कर रही हैं। इनका कहना है कि बेहतर पुनर्वास किए बिना है प्रशासन इस बांध को कैसे खोल सकते हैं। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक सरदार सरोवर के 30 गेट खुलते ही, मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, बड़वानी, धार, खारगोन जिलों के 192 गांव, महाराष्ट्र के 33 और गुजरात के 19 गांव इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे. देश के शहरी इलाकों को रोशन करने और पानी देने के लिए हज़ारों लोगों के घर में हमेशा के लिये अंधेरा छा जाएगा। वहीं मेधा पाटकर का कहना है कि पानी छोड़ने से बांध का जल स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है और कई गांवों में पानी भी भरने लगा है. और प्रभावित गांव के लोगों ने अब तक घर नहीं छोड़े हैं. मेधा पाटकर का कहना है कि लोग नर्मदा के पानी में डूबकर जान दे देंगे, मगर हटेंगे नहीं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने के लिए हजारों परिवारों की जलहत्या की तैयारी हो रही है. आपको बतादें कि
– प्रधानमंत्री जवाहर लाला नेहरू ने 5 अप्रैल, 1961 में सरदार सरोवर बांध की नींव रखी थी।
-यह नर्मदा नदी पर बना 800 मीटर ऊंचा बांध है।
-सरदार सरोवर बांध दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। यूएस का ग्रांड कोली डेम दुनिया का सबसे बड़ा बांध है।
-बांध के 30 दरवाजे हैं। हर दरवाजे का वजन 450 टन है। हर दरवाजे को बंद करने में एक घंटे का समय लगता है।
-सरदार सरोवर बांध की 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी स्टोर करने की क्षमता है।
– सरदार सरोवर बांध को लेकर 1985 में जबरदस्त विरोध हुआ था।
-सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की अगुवाई में डैम का निर्माण रोकने की कोशिश हुई थी।
-नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने 17 जून को बांध के 30 दरवाजे बंद किये थे। इसके बाद ये अभी तक बंद थे।
दरअसल सरकार का कहना है कि सरदार सरोवर बांध के ज़रिए गुजरात के सूखाग्रस्त इलाकों में पानी पहुंचाया जाएगा साथ ही मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा की जाएगी है। गुजरात में बांध के उद्घाटन को लेकर भले ही खुशी देखी जा रही है कि लेकिन मध्य प्रदेश के कई इलाकों में शोक का माहौल है।
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