कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का संकल्प ले चुकी बीजेपी अब नामों और प्रतीकों पर भी राजनीति कर रही है। केंद्र की मोदी सरकार नेहरू युवा केंद्र संगठन से ‘नेहरू’ शब्द को हटाने की तैयारी कर रही है। वहीं माना जा रहा है कि इस फैसले से एक बार फिर सरकार और कांग्रेस आमने-सामने होंगे देश के युवाओं के विकास के लिए आजादी की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर 1972 में नेहरू युवा केंद्र संगठन की शुरूआत हुई थी। लेकिन अब 45 साल बाद सरकार इसके नाम में बदलाव करना चाहती है। खेल और युवा मामलों के मंत्रालय ने इसके लिए एक प्रस्ताव बनाया है। इस प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट से मंजूरी का इंतजार है। नेहरू युवा केंद्र संगठन एक स्वायत्तशासी संस्था है। केन्द्र सरकार इस संस्था का नाम बदलकर नेशनल युवा केन्द्र संगठन करना चाहती है। केन्द्र की ओर से तैयार किये गये प्रस्ताव में नेहरू शब्द को हटाने के कई तर्क भी दिये गये हैं। प्रस्ताव के मुताबिक ये संस्था अब राष्ट्रव्यापी बन गई है और वर्तमान समय में देश के 623 जिलों में काम कर रही है। इसके अलावा इस संस्था के जरिये अब शहरी युवाओं को भी प्रशिक्षण मिल रहा है। खेल मंत्रालय का कहना है कि इस योजना के तहत सूचनाओं के प्रसारण का भी काम किया जाता है। ये संगठन नरेन्द्र मोदी सरकार की योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, नमामि गंगे जैसी योजनाओं के बारे में देश भर में जागरुकता फैलाती है. लिहाजा अब इसका नाम बदलकर नेशनल युवा केन्द्र संगठन कर देना चाहिए। प्रस्ताव में इस बात की भी चर्चा है कि संस्था का नाम बदल देने के बावजूद इसका संक्षिप्त नाम NYKS ही रहेगा। क्योंकि नये नाम में सिर्फ नेहरू की बजाय नेशनल शब्द जोड़ा जा रहा है।
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