#Not_Every_Marriage_Is_Love_Jihad: Kerala_High_Court
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हर अंतर धार्मिक विवाह को लव जिहाद के चश्मे से देखने वाले लोगों को लिए केरल हाईकोर्ट ने सख्त हिदायत दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि हर अंतर-धार्मिक विवाह को लव जिहाद नहीं माना जा सकता है, साथ ही कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि जो संगठन अंतर विवाह वाले लड़का-लड़की को परेशान करते हुए उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
केरल हाईकोर्ट की यह टिप्पणी कन्नूर के रहने वाले श्रुति और अनीस हमीद की याचिका पर सुनवाई के दौरान आई। दरअसल श्रुति ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी और अपने पति अनीस हमीद के साथ रहने की इजाजत मांगी थी। जिसपर हाईकोर्ट ने श्रुति को पति अनीस के साथ रहने की इजाजत दे दी है। अनीस पर आरोप लगाया गया था कि उसने श्रुति को अगवा कर लिया था और उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया। ये भी आरोप था कि अनीस ने श्रुति के साथ जबरदस्ती निकाह किया। इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा, कि हर प्रेम विवाह को लव जिहाद नहीं कहा जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि हमें श्रुति-अनीस जैसे मामलों को बढ़ावा देना चाहिए, क्योंकि प्यार की कोई सीमा नहीं होती। कोर्ट ने अंतर-धार्मिक विवाह को लव जिहाद या घर वापसी की नजर से देखे जाने के ट्रेंड पर भी चिंता जाहिर की।
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